आइए शरद पूर्णिमा मनाएं
आज शरद पूर्णिमा है। बहुत सारे बधाई संदेश मिले। बचपन से सुनते आए हैं कि ऐसा माना जाता है कि आज अमृत की वर्षा होती है। रात में खीर बना कर खुले आसमान के नीचे रखी जाती है और दूसरे दिन उस खीर को घर के सभी सदस्य, मित्र, परिवार के अन्य सदस्य ग्रहण करते हैं। इस अवसर पर मुझे याद आ रहा है कि मेरे मम्मी पापा खुले आसमान के नीचे खीर को विशेष सावधानी के साथ रखते थे। अनेक उपाय करते थे जैसे कि खीर को छेद वाली चलनी से ढक कर रखना इत्यादि। आशय सिर्फ एक ही था कि उस खीर को किसी भी तरह से दूषित या अपवित्र ना होने देना। रात में कई कई बार उठ कर देखते थे कि खीर सुरक्षित है। आइए हम सब भी शरद पूर्णिमा का त्योहार अमृत वाली खीर मना कर करें, किन्तु ये भी ध्यान रखें कि खीर किसी भी तरह से दूषित या अपवित्र ना होने पाए। आप सभी को शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभ कामनाएं।
@ विनय की कलम से